Tuesday, March 12, 2024

शादी

पिछले दिनों एक सोशल संदेश में पढ़ने में आया कि जैन समाज के एक निर्णय अनुसार जिन परिवारों में 6 से अधिक व्यंजन परोसे जाएंगे उस शादी दुल्हा -दुल्हन को केवल आशीर्वाद दिया जाएगा, खाया नहीं जाएगा। अग्रवाल समाज ने भी ऐसा ही निर्णय लिया है। साथ ही यह भी निर्णय लिया गया कि शादी के कार्ड नहीं छपवाकर केवल वाट्स एप और फोन के जरिए ही निमंत्रण सूचना प्रेषित की जाएगी।ये दोनों समाज आर्थिक दृष्टि से सक्षम होने के बावजूद शादी- विवाह में फिजुलखर्ची रोकने के लिए ऐसा निर्णय ले रहे हैं तो जो लोग कर्ज लेकर शादी - विवाह, मुंडन, नुक्ता , घाटा आदि पर फिजूलखर्ची करते हैं क्या उन्हें इस तरह के निर्णय लेने आगे नहीं आना चाहिए। यही ही इस सप्ताह के विमर्श का विषय शादी में धन की बर्बादी आखिर कब रूकेगी। इस पर आपके मौलिक विचार बुधवार शाम तक आमंत्रित हैं।‌


40% धन 1%अमीरों के pass
50 % 9न के पास 3% संपत्ति
====2500 गुना अंतर 

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