Monday, July 5, 2010

suno..

.........उज्जैन है महाकाल की नगरी ।हर घर मानो है एक मंदिर ,शहर मैं जाते ही अनुभव होता है की जैसे किसी पवित्र स्थान प गए हों ।त्रिवेणी .चिंतामन गणपति होते हुए महाकाल का मंदिर .ऊंचा शिखर .स्वर्णजातित शिखर
सफ़ेद ईमारत ,भव्य परिसर,आते- जाते लोग ,पुजारी , और सेवक का ताँता लगा था ।
पिछले कुम्भ मैं जो पुनेर्निरामान हुआ उसके कारन व्यवस्थित दर्शन होने लगे हैं । अब तो काफी अनुशाषित हैं .दर्शक भी और पुजारी वर्ग भी ।।
छोटे से गर्भ गृह मैं प्राचीन शिव लिंग की जिस तेरह का अभिषेक हॉट अ है .उसे देखने दूर दूर से लोग आते हैं ।
सुबह की भस्म- और समय- समय के अभिषेक मैं शामिल होने को क्या छोटे क्या बड़े सभी उत्सुक रहते हैं ।
बॉलीवुड और राज नेता सभी हाजिरी देते हैं यहाँ ।
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---उज्जैन की जनता तो लगभग रोज ही हाजिरी देती हैं यहाँ ।शिव की नगरी अब सावन मैं तो शिवमाय होगी ही , सो शेष कथा फिर ....................